बुधवार, 7 नवंबर 2018

कविता - हम सब मतदान करें

कविता -

( हम सब मतदान करें )

             
लोकतंत्र के पन्नों में अपनी पहचान करें,
उठो चलो मेरे साथी हम सब मतदान करें ।


जो वयस्क हैं भैया बहनें,नामांकन करवाएँ,
लोकतंत्र के महायज्ञ में,आहुति देकर आएँ।
और यही बहकावे में,बिल्कुल कभी न आना,
सोच समझ के देखो,अबकी बटन दबाना।
कोई भी चूके न अब,इसका भी ध्यान करें,
उठो चलो मेरेे साथी,हम सब मतदान करें..


यही हमारा निश्चय है, यही हमारा वादा है,
सच्चा और नेक व्यक्ति चुनने का इरादा है।
अबकी ये मत हमारा सत्य को ही जाएगा,
हम चुनेंगे उसको ही जो देश बनाएगा।
भ्रष्ट और हिंसा का जी भर अपमान करें,
उठो चलो मेरे साथी हम सब मतदान करें..


ये अधिकार हमारा है, हमारी लड़ाई है,
हम सबके मत से ही, देश की भलाई है।
तुम भी तो समझो और सबको बतलाओ,
अब मतदान करने कोे सब आगे आओ।
हाथ जोड़ मिलकर सब,देश का सम्मान करें,
उठो चलो मेरे साथी, हम सब मतदान करें..


© प्रियांशु कुशवाहा 'प्रिय'
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर
  महाविद्यालय, सतना ( म.प्र. )
      मो. 9981153574






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