शनिवार, 25 अगस्त 2018

कविता - " चुप रहो ! यहाँ सब शांत हैं " - प्रियांशु " प्रिय "

स्टार समाचार में प्रकाशित कविता 

'चुप रहो ! यहाँ सब शांत हैं'





कविता - " वक्त और मैं " - प्रियांशु कुशवाहा "प्रिय"

स्टार समाचार में प्रकाशित कविता 
"वक्त और मैं "






शब्द शिल्पी परिवार की संगोष्ठी


|| 22/08/18 ||

शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधान में 22 अगस्त 2018 को  सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार स्व. हरिशंकर परसाई जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में संपन्न हुआ परसाई व्यंग्य विमर्श-नाट्य मंचन तथा युवा साहित्यकारों का महाकुंभ एवं सभी युवा रचनाकारों को वरिष्ठ साहित्यकार चिंतामणि मिश्र जी द्वारा किया गया पुरस्कृत ||

> *प्रियांशु कुशवाहा*
  *शा. स्व. स्ना. महा.*
      सतना ( म. प्र. )

नई पुतउ के कहानी

नई पुतउ के कहानी किन्हौ गोड़ पिरात है इनखर किन्हौ मूड़ पिराय‌। किन्हौ चढ़ी बोखार है इनही,खानौ तक न खाय‌। सास सकेलै काम घरे के,दस्स बजे तक स...