गुरुवार, 29 अगस्त 2019

कविता ~ ( हमारे कॉलेज में ) ~ प्रियांशु "प्रिय"

जिले के महाविद्यालयों में आए दिन मारपीट,गुंडागर्दी एवं नशाखोरी चलती रहती है और यहां का कॉलेज प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन हमेशा मौन रहता है।
इस विषय पर मेरी छोटी सी कलम का एक प्रयास ~

( हमारे कॉलेज में )


है सिस्टम बेकार, हमारे कालेज में,
सब रहते हैं लाचार, हमारे कालेज में।

प्रौफेसर कुछ सोने की तनख्वाह हैं पाते,
और करते अत्याचार,हमारे कालेज में।

बना है गुप्त विभाग,जहाँ पे ज़हर भरा,
यहाँ रहते नाग हज़ार,हमारे कालेज में।

छूरी, चाकू और कट्टा, बंदूक बहुत,
चलती है हर बार, हमारे कालेज में।

असामाजिक तत्वों की है दुकान यहां,
लगता इनका बाज़ार, हमारे कॉलेज में।

मारपीट और नशा गंदगी सब धंधा है,
जब होते हैं गद्दार, हमारे कॉलेज में।

सच बोला है 'प्रिय' ने और खतरा भी है,
चले ना अब तलवार, हमारे कॉलेज में।


~  प्रियांशु 'प्रिय'
मो. 9981153574



चैत्र महीने की कविता

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