सोमवार, 10 अप्रैल 2023

लाड़ली बहना योजना पर आधारित प्रियांशु 'प्रि‍य' द्वारा रचित बघेली लोकगीत

लाड़ली बहना योजना 

एक कवि या लेखक का लिखना तभी सार्थक हो जाता है जब उसका लिखा जन जन के कंठ में बस जाए।
मेरा सौभाग्य ही है कि मध्यप्रदेश शासन की जनकल्याणकारी योजना #लाड़ली_बहना_योजना” पर आधारित मेरा स्वरचित #बघेली_लोकगीत ( चला चली बहिनी मिल खुशियाँ मनाई, नई योजना है आई...) हर सुबह "स्वच्छता गाड़ी" के माध्यम से पूरे #सतना शहर में बजाया जा रहा......
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग और नगर निगम सतना का आभार ❤🙏🏻

मध्यप्रदेश शासन की जनकल्याणकारी योजना "लाड़ली बहना योजना" पर आधारित बघेली लोकगीत सुनने के लिए क्‍लि‍क करें.............  

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 लाड़ली बहना योजना पर आधारित बघेली लोकगीत


चला चली बहिनी मिल खुशियाँ मनाई,
नई योजना है आई।।
शिवराज भैया के चली गुण गाई,
नई योजना है आई।।

1. नाम है एखर लाड़ली बहना,
नहिं आय मालूम अब न कहना,
फारम सब जन भरिके रहना।
चला लइके आधार चली खाता खोलबाई
नई योजना है आई......


2. एक हज़ार महीना अइहैं।
कोउ नहीं दलाली खइहैं।
सीधे खाते मा आ जइहैं।
अपने समग्र के KYC कराई,
नई योजना है आई......

3. उमिर है तेइस से लै साठ,
बरी बियाही बांध ल्या गांठ,
पइसा पउबै होइहै ठाठ।
परितगता बहिनिउ के होई भलाई,
नई योजना है आई.........

4. जिनखे बाहन है चरचक्का,
नहिं आय पात्र बताई पक्का,
जागा बहिनी खोला जक्का।
बहिनिन के भाग जगी मौका सुखदाई,
नई योजना है आई.........

5. फारम भरैं मोहल्ला अइहैं,
कैंप लगी फोटो खिचबइहैं,
लिख पढ़ बहिनी खुद लइ जइहैं।
कुल रहीं बहिनी औ कुलुक रही माईं,
नई योजना है आई......

© प्रियांशु कुशवाहा

















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