गुरुवार, 11 जनवरी 2018

कवि सम्मेलन और पुस्तक मेला, कटनी


" वो सियासत बंदिशों में बंध गया चारो तरफ "
" तब बेचारा क्या करे मजबूर होता जा रहा
"
😊😊😊

कटनी में आयोजित हुआ पुस्तक मेला और कवि सम्मेलन ।
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विगत दिनो राष्टीय साहित्य पुस्तक मेला समिति कटनी मध्य प्रदेश के तत्वावधान मे साधुराम विद्यालय सभागार कटनी मे विशाल साहित्य पुस्तक मेला प्रदर्शनी एवं बघेली लोक साहित्य पर केन्द्रित व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोक साहित्य के प्रखर विद्वान मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन रीवा इकाई के अध्यक्ष #श्री_चंद्रिका_प्रसाद_चंद्र वरिष्ठ बुद्धिजीवी पत्रकार एवं विचारक #श्री_जयराम_शुक्ल सुबह सवेरे समाचार पत्र भोपाल के संपादक #श्री_गिरीश_उपाध्याय वरिष्ठ कथाकार अनिल द्विवेदी एवं शब्द शिल्पी सतना के संपादक युवा रचनाकार अनिल अयान ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किया।

तत्पश्चात बघेली #कवि_सम्मेलन का सरस आयोजन किया गया। आमंत्रित कवियों में #हेमराज_त्रिपाठी , #आशीष_त्रिपाठी मैहर , #भृगुनाथ_भ्रमर रीवा , #सूर्यभान_कुशवाहा, #आजाद_वतन वर्मा , #अनिल_अयान श्रीवास्तव के साथ आपके अनुज #प्रियांशु_कुशवाहा ने काव्यपाठ किया।

आयोजन प्रमुख मनोज आनंद जी ने सभी आमंत्रित कवियो का शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सादर सम्मान किया

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन , सतना

साथियो नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
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बेहद यादगार रहेगा यह वर्ष ।गत दिनो विंध्य व्यापार मेला सतना मे संपन्न अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे अपनी सतना की माटी नागॊद के प्रख्यात हास्यवकवि भाई अशोक सुंदरानी जी के संयोजन मे पधारे राजस्थान के ओज के सशक्त मंचीय कवि अशोक चारण राजधानी भोपाल के प्रसिद्ध हास्य कवि जलाल मयकश अपनी माटी बघेली के प्रसिद्ध वरिष्ठ एव हम सबके प्रेरणास्रोत आदरणीय बाबूलाल दाहिया,जबलपुर की कवियत्री श्रीमति अर्चना अर्चन,श्रंगार रस की कवियित्री नॆनीताल उत्तराखण्ड से पधारी छोटी बहन  गॊरी मिश्रा नागपुर से पधारे हास्य कवि अंतू झक्कास सहित राज्यमंत्री दर्ज़ा प्राप्त मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य आदरणीय लक्ष्मी यादव जी के काव्यरस मे डूबी रजनी के मध्य रात्रि ठीक बारह बजे जॆसे ही वक्त की घडी की सुई ने नव वर्ष का आगाज किया।पूरा मंच शुभकामनाओ से गूज उठा।केके काट कर धूम धाम से विगत को अलविदा एवं आगत का ढोल नगाडो से आगाज किया गया।

वास्तव मे ऎसे पल जिंदगी के अविस्मरणीय पल होते है।देश के कोने कोने से पधारे सभी कवियो का सादर आभार।

अपने विंध्य के गांव

बघेली कविता  अपने विंध्य के गांव भाई चारा साहुत बिरबा, अपनापन के भाव। केतने सुंदर केतने निकहे अपने विंध्य के गांव। छाधी खपड़ा माटी के घर,सुं...