बुधवार, 26 सितंबर 2018
युवा कवि प्रियांशु के जन्मदिन पर आयोजित कवि सम्मेलन
9 सितंबर 2018 को मेरे जन्मदिन के अवसर पर सभी स्नेहीजनों के बधाई संदेश बड़ी संख्या में प्राप्त हुए। निश्चित रुप से यह मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगा। 🙏🏻🙏🏻
जिले के वरिष्ठ विद्वान कवियों ने मेरी रिक्त झोली को आशीष से भर दिया। ❤🙏🏻जहां एक ओर देवतुल्य माता-पिता, नाना जी , दादा जी ,फूफा जी, बुआ जी एवं सभी आत्मीय स्वजन के साथ ही कवि बिरादरी के महान तपस्वियों ने काव्य रस में आशीष वर्षा कर दुआओं से अभिचिंतित करते रहे वहीं दर्शकों ने भी अपनी करतल ध्वनियों से शुभकामनाए दी। मेरे लिए यह वास्तव में जिन्दगी का एक स्वर्णिम तथा अद्वितीय पल रहेगा।
आप सभी का हृदयतल से अनंत आभार।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐❤
✍🏻
जिले के वरिष्ठ विद्वान कवियों ने मेरी रिक्त झोली को आशीष से भर दिया। ❤🙏🏻जहां एक ओर देवतुल्य माता-पिता, नाना जी , दादा जी ,फूफा जी, बुआ जी एवं सभी आत्मीय स्वजन के साथ ही कवि बिरादरी के महान तपस्वियों ने काव्य रस में आशीष वर्षा कर दुआओं से अभिचिंतित करते रहे वहीं दर्शकों ने भी अपनी करतल ध्वनियों से शुभकामनाए दी। मेरे लिए यह वास्तव में जिन्दगी का एक स्वर्णिम तथा अद्वितीय पल रहेगा।
आप सभी का हृदयतल से अनंत आभार।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐❤
✍🏻
शनिवार, 25 अगस्त 2018
शब्द शिल्पी परिवार की संगोष्ठी
|| 22/08/18 ||
शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधान में 22 अगस्त 2018 को सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार स्व. हरिशंकर परसाई जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में संपन्न हुआ परसाई व्यंग्य विमर्श-नाट्य मंचन तथा युवा साहित्यकारों का महाकुंभ एवं सभी युवा रचनाकारों को वरिष्ठ साहित्यकार चिंतामणि मिश्र जी द्वारा किया गया पुरस्कृत ||
> *प्रियांशु कुशवाहा*
*शा. स्व. स्ना. महा.*
सतना ( म. प्र. )
शुक्रवार, 25 मई 2018
गुरुवार, 24 मई 2018
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
अपने विंध्य के गांव
बघेली कविता अपने विंध्य के गांव भाई चारा साहुत बिरबा, अपनापन के भाव। केतने सुंदर केतने निकहे अपने विंध्य के गांव। छाधी खपड़ा माटी के घर,सुं...
-
बघेली के महाकवि स्वर्गीय श्री सैफुद्दीन सिद्दीकी ''सैफू'' जी का जन्म अमरपाटन तहसील के ग्राम रामनगर जिला सतना ( मध्य प्रदेश...
-
बघेली कविता ~ ( उनखे सरपंची मा ) केतना विकास भा उनखे सरपंची मा,, मनई उदास भा उनखे सरपंची मा,, गोरुआ अऊ बरदन का भूखे सोबायन,, हम...
-
कविता _ ( किसान ) अंधियारों को चीर रोशनी को जिसने दिखलाया है। और स्वंय घर पर अपने वह लिए अंधेरा आया है। जिसके होने से धरती का मन पावन...