शुक्रवार, 25 मई 2018
गुरुवार, 24 मई 2018
शनिवार, 3 मार्च 2018
बघेली रचना - फलाने सोबत हें
बघेली रचना -
फलाने सोबत हें :-
करा न तुम परेशान, फलाने सोबत हें,
होइके खूब मोटान, फलाने सोबत हें।
हबाई-जहाज मा घूमैं वाले का जानैं,
मरथें रोज किसान, फलाने सोबत हें।
होइगें अठमां फेल, बने तउ नेताजी,
पेलि के झूरैं ज्ञान, फलाने सोबत हें।
बोट मा जबरै नोट मिलाके दइन दिहिन,
बनिगें जब परधान, फलाने सोबत हें।
उनखे मन के बात भला कइसन जानी,
जे करैं रोज नुक्सान, फलाने सोबत हें।
चुप्प हमैं य देश मा सगले जनत्या है,
तुम लूटा हिन्दुस्तान, फलाने सोबत हें।
✒ प्रियांशु 'प्रिय'
शास. स्व. स्ना. महा.
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
फलाने सोबत हें :-
करा न तुम परेशान, फलाने सोबत हें,
होइके खूब मोटान, फलाने सोबत हें।
हबाई-जहाज मा घूमैं वाले का जानैं,
मरथें रोज किसान, फलाने सोबत हें।
होइगें अठमां फेल, बने तउ नेताजी,
पेलि के झूरैं ज्ञान, फलाने सोबत हें।
बोट मा जबरै नोट मिलाके दइन दिहिन,
बनिगें जब परधान, फलाने सोबत हें।
उनखे मन के बात भला कइसन जानी,
जे करैं रोज नुक्सान, फलाने सोबत हें।
चुप्प हमैं य देश मा सगले जनत्या है,
तुम लूटा हिन्दुस्तान, फलाने सोबत हें।
✒ प्रियांशु 'प्रिय'
शास. स्व. स्ना. महा.
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
शनिवार, 24 फ़रवरी 2018
बघेली कविता - उनखे सरपंची मा
( उनखे सरपंची मा )
केतना विकास भा उनखे सरपंची मा,,
मनई उदास भा उनखे सरपंची मा,,
गोरुआ अऊ बरदन का भूखे सोबायन,,
हमरौ उपास भा उनखे सरपंची मा,,
योजना भर नई नई सालै बगराइन,,
सबके विनाश भा उनखे सरपंची मा,,
मीठ-मीठ बोलि के लूटिन गरीब का,,
बहुतै मिठास भा उनखे सरपंची मा,,
मनइन से मनइन का रोजै लड़बाइन,,
फेरौ बिसुआस भा उनखे सरपंची मा,,
फांसी मा झूलत रोज पायन गरीब का,,
सबै के नाश भा उनखे सरपंची मा,,
© प्रियांशु 'प्रिय'
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
गुरुवार, 11 जनवरी 2018
कवि सम्मेलन और पुस्तक मेला, कटनी
" वो सियासत बंदिशों में बंध गया चारो तरफ "
" तब बेचारा क्या करे मजबूर होता जा रहा "
😊😊😊
कटनी में आयोजित हुआ पुस्तक मेला और कवि सम्मेलन ।
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विगत दिनो राष्टीय साहित्य पुस्तक मेला समिति कटनी मध्य प्रदेश के तत्वावधान मे साधुराम विद्यालय सभागार कटनी मे विशाल साहित्य पुस्तक मेला प्रदर्शनी एवं बघेली लोक साहित्य पर केन्द्रित व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोक साहित्य के प्रखर विद्वान मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन रीवा इकाई के अध्यक्ष #श्री_चंद्रिका_प्रसाद_चंद्र वरिष्ठ बुद्धिजीवी पत्रकार एवं विचारक #श्री_जयराम_शुक्ल सुबह सवेरे समाचार पत्र भोपाल के संपादक #श्री_गिरीश_उपाध्याय वरिष्ठ कथाकार अनिल द्विवेदी एवं शब्द शिल्पी सतना के संपादक युवा रचनाकार अनिल अयान ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किया।
तत्पश्चात बघेली #कवि_सम्मेलन का सरस आयोजन किया गया। आमंत्रित कवियों में #हेमराज_त्रिपाठी , #आशीष_त्रिपाठी मैहर , #भृगुनाथ_भ्रमर रीवा , #सूर्यभान_कुशवाहा, #आजाद_वतन वर्मा , #अनिल_अयान श्रीवास्तव के साथ आपके अनुज #प्रियांशु_कुशवाहा ने काव्यपाठ किया।
आयोजन प्रमुख मनोज आनंद जी ने सभी आमंत्रित कवियो का शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सादर सम्मान किया
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन , सतना
साथियो नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
**********************
बेहद यादगार रहेगा यह वर्ष ।गत दिनो विंध्य व्यापार मेला सतना मे संपन्न अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे अपनी सतना की माटी नागॊद के प्रख्यात हास्यवकवि भाई अशोक सुंदरानी जी के संयोजन मे पधारे राजस्थान के ओज के सशक्त मंचीय कवि अशोक चारण राजधानी भोपाल के प्रसिद्ध हास्य कवि जलाल मयकश अपनी माटी बघेली के प्रसिद्ध वरिष्ठ एव हम सबके प्रेरणास्रोत आदरणीय बाबूलाल दाहिया,जबलपुर की कवियत्री श्रीमति अर्चना अर्चन,श्रंगार रस की कवियित्री नॆनीताल उत्तराखण्ड से पधारी छोटी बहन गॊरी मिश्रा नागपुर से पधारे हास्य कवि अंतू झक्कास सहित राज्यमंत्री दर्ज़ा प्राप्त मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य आदरणीय लक्ष्मी यादव जी के काव्यरस मे डूबी रजनी के मध्य रात्रि ठीक बारह बजे जॆसे ही वक्त की घडी की सुई ने नव वर्ष का आगाज किया।पूरा मंच शुभकामनाओ से गूज उठा।केके काट कर धूम धाम से विगत को अलविदा एवं आगत का ढोल नगाडो से आगाज किया गया।
वास्तव मे ऎसे पल जिंदगी के अविस्मरणीय पल होते है।देश के कोने कोने से पधारे सभी कवियो का सादर आभार।
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बेहद यादगार रहेगा यह वर्ष ।गत दिनो विंध्य व्यापार मेला सतना मे संपन्न अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे अपनी सतना की माटी नागॊद के प्रख्यात हास्यवकवि भाई अशोक सुंदरानी जी के संयोजन मे पधारे राजस्थान के ओज के सशक्त मंचीय कवि अशोक चारण राजधानी भोपाल के प्रसिद्ध हास्य कवि जलाल मयकश अपनी माटी बघेली के प्रसिद्ध वरिष्ठ एव हम सबके प्रेरणास्रोत आदरणीय बाबूलाल दाहिया,जबलपुर की कवियत्री श्रीमति अर्चना अर्चन,श्रंगार रस की कवियित्री नॆनीताल उत्तराखण्ड से पधारी छोटी बहन गॊरी मिश्रा नागपुर से पधारे हास्य कवि अंतू झक्कास सहित राज्यमंत्री दर्ज़ा प्राप्त मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य आदरणीय लक्ष्मी यादव जी के काव्यरस मे डूबी रजनी के मध्य रात्रि ठीक बारह बजे जॆसे ही वक्त की घडी की सुई ने नव वर्ष का आगाज किया।पूरा मंच शुभकामनाओ से गूज उठा।केके काट कर धूम धाम से विगत को अलविदा एवं आगत का ढोल नगाडो से आगाज किया गया।
वास्तव मे ऎसे पल जिंदगी के अविस्मरणीय पल होते है।देश के कोने कोने से पधारे सभी कवियो का सादर आभार।
सोमवार, 20 मार्च 2017
आँखों में कोहरा है
इंसानों की बस्ती में अब हैवानों का पहरा है,,
नफरत का रंग अबकी यहाँ बहुत गहरा है,,
ईर्ष्या की नदियाँ तो जोरो-शोरों से बहती हैं,,
प्रीत का पानी जरुर कहीं-न-कहीं ठहरा है,,
हर बात सुनने चला आता जो आपके घर,,
सच मानिए तो वही इंसान बहुत बहरा है,,
जला देते हैं लोग जहाँ देश के द्रोहियों को,,
वहाँ तो हर रोज का त्योहार ही दशहरा है,,
धुंधलेे नजर आते हैं मुझे इस बस्ती के लोग,,
शायद मेरी ही आँखों में कहीं घना कोहरा है,,
© प्रियांशु " प्रिय "
शासकीय स्वशासी महाविद्यालय
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