बघेली गीत
सबसे सुंदर, सबसे निकहा, लागय आपन गाँव हो
शहर भरे मा बाग लिहन हम, होइगा पूर उराव
हो
सबसे सुंदर सबसे निकहा, लागय आपन गाँव हो।
चुल्हबा के पोई रोटी व, केतनी निकही लागय।
अउर कनेमन चुपर के मनई, हरबी हरबी झारय।
बनय गोलहथी कढ़ी मुगउरी, अतरे दुसरे टहुआ।
जाय बगइचा टोरी आमा, बिनी हमूं एक झहुआ।
सोंध सोंध महकत ही माटी, चपकय हमरे पाँव हो...
सबसे सुंदर सबसे निकहा, लागय आपन गाँव हो....
दिखन शहर मा मरैं लाग है, आपस मा भाईचारा।
सग भाई अब सग न रहिगें, होइगा उनमा बटवारा।
बजबजात है नाली नरदा, गेरे रहय बेरामी।
एक दुसरे का चीन्हैं न अब, होइगें ऐतना नामी।
दिखन तलइया गै सुखाय अब, छूँछ परी ही नाव हो...
सबसे सुंदर सबसे निकहा, लागय आपन गाँव हो....
- प्रियांशु 'प्रिय'
मोब. 9981153574
सतना ( म. प्र. )
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