बघेली मुक्तक
कुच्छ लिहिन उज्जर त कुच्छ करिया बेसाह लाएं
वहाँ दादा लड़कउना के काजे के तइयारी करैं
यहाँ परोस के गाँव से दादू मेहेरिया बेसाह लाएं
जीवन रोज़ बिताते जाओ भूख लगे तो सहना सीखो, सच को झूठा ...
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