बघेली मुक्तक
साल भरे के कमाई मा छेरिया बेसाह लाएं
कुच्छ लिहिन उज्जर त कुच्छ करिया बेसाह लाएं
वहाँ दादा लड़कउना के काजे के तइयारी करैं
यहाँ परोस के गाँव से दादू मेहेरिया बेसाह लाएं
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गाँँव गोहार : एक सापेक्ष आकलन - गीतकार सुमेर सिंह शैलेश बघेली के लोकप्रिय कवि सूर्यभान कुश...
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