मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024

ग़ज़ल - ' जीवनभर अभिलाषा रखना '

 जीवनभर अभिलाषा रखना


जीवनभर अभिलाषा रखना,

यानी खूब निराशा रखना।


हँसना रोना चांँद की खातिर,

तुम भी यही तमाशा रखना।


प्रेम गीत के हर पन्‍ने पर,

खूब विरह की भाषा रखना।


जिसकी तुमसे प्‍यासा बनी हो,

उसको बेहद प्‍यासा रखना।


मैंने सबकुछ छोड़ दिया है,

मुझसे अब न आशा रखना।


✏ प्रियांशु 'प्रिय' 

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