मंगलवार, 12 मार्च 2024

बघेली कविता - 'करिन खूब घोटाला दादू

बघेली कविता 

करिन खूब घोटाला दादू


करिन खूब घोटाला दादू।

चरित्र बहुत है काला दादू।


गनी गरीब के हींसा माहीं,

मार दिहिन ही ताला दादू।


उईं अंग्रेजी झटक रहे हें,

डार के नटई माला दादू।


तुम्‍हरे घरे मा होई हीटर,

हमरे इहाँ है पाला दादू।


अबै चुनाव के बेरा आई,

मरा है मनई उसाला दादू।


✒ प्रियांशु कुशवाहा 'प्रिय'

      सतना (म.प्र.)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

बघेली क‍विता - दादू खड़े चुनाव मा

बघेली क‍विता दादू खड़े चुनाव मा       कर्मठ और जुझारु नेता,             बिकन रहे हें दारु नेता। एक बोतल सीसी बहुँकामैं,            बोट खरीदै...