रविवार, 11 नवंबर 2018

हास्य कविता - यार तुम्हारे मैसेज से


हास्‍य रचना - 😜😀

( यार तुम्हारे मैसेज से )

हमको यह आभास हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से,
दुश्मन बेहद पास हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

इश्क़ में हमने खो डाला गाड़ी,बंगला और मकान,
सबकुछ सत्यानाश हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

पापा को भी ख़बर लग गई मेरी सब करतूतों पे,
समझो जीवन नाश हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

पता लग गया भाई को जब राज़ हमारे बारे में,
डंडों का एहसास हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

तुम खाओ पिज्जा,बर्गर,चाउमीन और डोसा भी,
अपना तो उपवास हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

जाओ तुम चाहे दिल्ली बॉम्बे य अमरीका टूर में,
अब मेरा वनवास हुआ है यार तुम्हारे मैसेज से।

© प्रियांशु "प्रिय"
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर
महाविद्यालय,सतना ( म.प्र. )

        

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपने विंध्य के गांव

बघेली कविता  अपने विंध्य के गांव भाई चारा साहुत बिरबा, अपनापन के भाव। केतने सुंदर केतने निकहे अपने विंध्य के गांव। छाधी खपड़ा माटी के घर,सुं...