रविवार, 28 अक्टूबर 2018
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अपने विंध्य के गांव
बघेली कविता अपने विंध्य के गांव भाई चारा साहुत बिरबा, अपनापन के भाव। केतने सुंदर केतने निकहे अपने विंध्य के गांव। छाधी खपड़ा माटी के घर,सुं...
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बघेली के महाकवि स्वर्गीय श्री सैफुद्दीन सिद्दीकी ''सैफू'' जी का जन्म अमरपाटन तहसील के ग्राम रामनगर जिला सतना ( मध्य प्रदेश...
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बघेली कविता ~ ( उनखे सरपंची मा ) केतना विकास भा उनखे सरपंची मा,, मनई उदास भा उनखे सरपंची मा,, गोरुआ अऊ बरदन का भूखे सोबायन,, हम...
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कविता _ ( किसान ) अंधियारों को चीर रोशनी को जिसने दिखलाया है। और स्वंय घर पर अपने वह लिए अंधेरा आया है। जिसके होने से धरती का मन पावन...
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