बुधवार, 7 नवंबर 2018

कविता - आओ सब मिलकर दिवाली मनाएँ


कविता -
( आओ सब मिलकर दिवाली मनाएँ )

ईर्ष्या की झोली से तम को मिटाकर,
प्रेम और वैभव की रोशनी जलाकर,
पलकों ने जिसको संजोए थे अबतक,
उन दुखी अश़्कों को मन से हटाकर,
इश्क़ की खुशबू को जग भर फैलाएँ..
आओ सब मिलकर दिवाली मनाएँ..

हम सबके मज़हब में ज्ञान का संचार हो,
भाई से भाई तक आकाशभर प्यार हो,
आँखें प्रफुल्लित हो देखकर जिसे वह,
स्नेह की दुकानों का रोशन बाज़ार हो,
मुस्काते श़हर में हम शामिल हो जाएं..
आओ सब मिलकर दिवाली मनाएँ..

सुमन सा सुगन्धित हो हरपल हमारा,
प्रीत का भी चमके घर घर सितारा,
महल भी रोशन हो हर दिये से लेकिन,
झोपड़ी तक आए दीप का उंजियारा,
मुहब्बत की फिर से फुलझड़ी जलाएँ..
आओ सब मिलकर दिवाली मनाएँ..

© प्रियांशु कुशवाहा "प्रिय"
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर
 महाविद्यालय, सतना ( म.प्र. )
     मो. 9981153574

कविता - हम सब मतदान करें

कविता -

( हम सब मतदान करें )

             
लोकतंत्र के पन्नों में अपनी पहचान करें,
उठो चलो मेरे साथी हम सब मतदान करें ।


जो वयस्क हैं भैया बहनें,नामांकन करवाएँ,
लोकतंत्र के महायज्ञ में,आहुति देकर आएँ।
और यही बहकावे में,बिल्कुल कभी न आना,
सोच समझ के देखो,अबकी बटन दबाना।
कोई भी चूके न अब,इसका भी ध्यान करें,
उठो चलो मेरेे साथी,हम सब मतदान करें..


यही हमारा निश्चय है, यही हमारा वादा है,
सच्चा और नेक व्यक्ति चुनने का इरादा है।
अबकी ये मत हमारा सत्य को ही जाएगा,
हम चुनेंगे उसको ही जो देश बनाएगा।
भ्रष्ट और हिंसा का जी भर अपमान करें,
उठो चलो मेरे साथी हम सब मतदान करें..


ये अधिकार हमारा है, हमारी लड़ाई है,
हम सबके मत से ही, देश की भलाई है।
तुम भी तो समझो और सबको बतलाओ,
अब मतदान करने कोे सब आगे आओ।
हाथ जोड़ मिलकर सब,देश का सम्मान करें,
उठो चलो मेरे साथी, हम सब मतदान करें..


© प्रियांशु कुशवाहा 'प्रिय'
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर
  महाविद्यालय, सतना ( म.प्र. )
      मो. 9981153574






रविवार, 28 अक्तूबर 2018

कवि सम्मेलन सतना


                        ( तस्‍वीर में बाऍंं से )  संचालन करते हुए हास्‍य कवि अमित शुक्‍ला, उनके ठीक बगल में कवि प्रियांशु 'प्रिय', बघेली कवि रमेश प्रताप सिंह 'जाखी' और पदृमश्री बाबूलाल दाहिया ।   






दिनांक.. 19/10/18

अविस्मरणीय रहा हनुमान नगर में आयोजित *अखिल भारतीय कवि सम्मेलन*

मुख्य अतिथि~
*बी.डी. पाण्डेय जी ( नगर पुलिस अधीक्षक )*

अध्यक्षता ~
*ए. के. सोनी जी ( संचालक- ए. के. एस. यूनिवर्सिटी )* ( A.K.S. UNIVERSITY, SATNA )

हनुमान नगर के श्रोताओं का अपार स्नेह मिला...
सभी का हृदय से बहुत बहुत आभार...🙏🏻🙏🏻


✍🏻 ~ प्रियांशु "प्रिय"
      शा. स्व. स्ना. महा.
        सतना ( म. प्र. )




कवि सम्मेलन रीवा

दिनांक 16/10/18..
डा. राजकुमार शर्मा "राज" जी के संयोजन एवं संचालन में संपन्न हुआ अजगरहा, रीवा *विराट कवि सम्मेलन*...
श्रोताओं का अपार स्नेह मिला..
सभी सुधी श्रोताओं का बहुत बहुत आभार.... 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

~ प्रियांशु "प्रिय"
  शा. स्व. स्ना. महा.
    सतना (म.प्र.)

बुधवार, 26 सितंबर 2018

इंसानों की बस्ती

कविता ~

 ( आँखों में कोहरा है )

इंसानों की बस्ती में अब हैवानों का पहरा है,
नफरत का रंग अबकी यहाँ बहुत गहरा है।

ईर्ष्या की नदियाँ जोरो-शोरों से बहती हैं,
प्रीत का पानी जरुर कहीं-न-कहीं ठहरा है।

हर बात सुनने चला आता जो आपके घर,
सच मानिए वही इंसान बहुत बेहरा है।

जला देते हैं लोग जहाँ देश के द्रोहियों को,
वहाँ हर रोज का त्योहार ही दशहरा है।

साफ कभी न दिखेगी इंसानी चेहरे की धूल,
हर एक चेहरे के पीछे एक दूसरा चेहरा है।

धुंधले नज़र आते हैं मुझे इस बस्ती के लोग,
शायद मेरी ही आँखों में कहीं घना कोहरा है।



  © प्रियांशु कुशवाहा " प्रिय "
शासकीय स्वशासी महाविद्यालय
          सतना ( म. प्र )

   




कविता ~ "किसान" ~ प्रियांशु " प्रिय "

कविता _

( किसान )

अंधियारों को चीर रोशनी को जिसने दिखलाया है।
और स्वंय घर पर अपने वह लिए अंधेरा आया है।
जिसके होने से धरती का मन पावन हो जाता है।
जिसके छूने से खेतों का तन उपवन हो जाता है।
मात देता है निरंतर वह देह की थकान को...
शत् शत् नमन मेरा इस देश के किसान को...

आँधियाँ तूफान इनके हर तेज से भयभीत होते।
पग में छाले, हाथ काले, जख़्मों के ये मीत होते।
जो धूप इस तन को छुए वह स्वयं सौभाग्य पाती।
और पसीने की चुअन हर खेत को पावन बनाती।
अन्न में तब्दील करता सूखे पड़े मैदान को...
शत् शत् नमन मेरा इस देश के किसान को...

हजारों योजनाएँ जो आज भी पन्नों में अटकी हैं।
बहुत मजबूरियाँ इनकी वो जा फांसी पे लटकी हैं।
न जाने कब मिलेगा न्याय हमारे इस विधाता को।
परिश्रम के कठिन स्वामी विश्व के अन्नदाता को।
अनमोल यह हीरा मिला है हिन्दोस्तान को...
शत् शत् नमन मेरा इस देश के किसान को...

✒ प्रियांशु कुशवाहा 





शुक्रिया डा. कुमार विश्वास सर


युवा कवि प्रियांशु के जन्‍मदिन पर युग कवि डा. कुमार विश्‍वास जी ने शुभकामनाऍं प्रेषित कीं......




बघेली क‍विता - दादू खड़े चुनाव मा

बघेली क‍विता दादू खड़े चुनाव मा       कर्मठ और जुझारु नेता,             बिकन रहे हें दारु नेता। एक बोतल सीसी बहुँकामैं,            बोट खरीदै...