शनिवार, 25 अगस्त 2018
शब्द शिल्पी परिवार की संगोष्ठी
|| 22/08/18 ||
शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधान में 22 अगस्त 2018 को सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार स्व. हरिशंकर परसाई जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में संपन्न हुआ परसाई व्यंग्य विमर्श-नाट्य मंचन तथा युवा साहित्यकारों का महाकुंभ एवं सभी युवा रचनाकारों को वरिष्ठ साहित्यकार चिंतामणि मिश्र जी द्वारा किया गया पुरस्कृत ||
> *प्रियांशु कुशवाहा*
*शा. स्व. स्ना. महा.*
सतना ( म. प्र. )
शुक्रवार, 25 मई 2018
गुरुवार, 24 मई 2018
शनिवार, 3 मार्च 2018
बघेली रचना - फलाने सोबत हें
बघेली रचना -
फलाने सोबत हें :-
करा न तुम परेशान, फलाने सोबत हें,
होइके खूब मोटान, फलाने सोबत हें।
हबाई-जहाज मा घूमैं वाले का जानैं,
मरथें रोज किसान, फलाने सोबत हें।
होइगें अठमां फेल, बने तउ नेताजी,
पेलि के झूरैं ज्ञान, फलाने सोबत हें।
बोट मा जबरै नोट मिलाके दइन दिहिन,
बनिगें जब परधान, फलाने सोबत हें।
उनखे मन के बात भला कइसन जानी,
जे करैं रोज नुक्सान, फलाने सोबत हें।
चुप्प हमैं य देश मा सगले जनत्या है,
तुम लूटा हिन्दुस्तान, फलाने सोबत हें।
✒ प्रियांशु 'प्रिय'
शास. स्व. स्ना. महा.
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
फलाने सोबत हें :-
करा न तुम परेशान, फलाने सोबत हें,
होइके खूब मोटान, फलाने सोबत हें।
हबाई-जहाज मा घूमैं वाले का जानैं,
मरथें रोज किसान, फलाने सोबत हें।
होइगें अठमां फेल, बने तउ नेताजी,
पेलि के झूरैं ज्ञान, फलाने सोबत हें।
बोट मा जबरै नोट मिलाके दइन दिहिन,
बनिगें जब परधान, फलाने सोबत हें।
उनखे मन के बात भला कइसन जानी,
जे करैं रोज नुक्सान, फलाने सोबत हें।
चुप्प हमैं य देश मा सगले जनत्या है,
तुम लूटा हिन्दुस्तान, फलाने सोबत हें।
✒ प्रियांशु 'प्रिय'
शास. स्व. स्ना. महा.
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
शनिवार, 24 फ़रवरी 2018
बघेली कविता - उनखे सरपंची मा
( उनखे सरपंची मा )
केतना विकास भा उनखे सरपंची मा,,
मनई उदास भा उनखे सरपंची मा,,
गोरुआ अऊ बरदन का भूखे सोबायन,,
हमरौ उपास भा उनखे सरपंची मा,,
योजना भर नई नई सालै बगराइन,,
सबके विनाश भा उनखे सरपंची मा,,
मीठ-मीठ बोलि के लूटिन गरीब का,,
बहुतै मिठास भा उनखे सरपंची मा,,
मनइन से मनइन का रोजै लड़बाइन,,
फेरौ बिसुआस भा उनखे सरपंची मा,,
फांसी मा झूलत रोज पायन गरीब का,,
सबै के नाश भा उनखे सरपंची मा,,
© प्रियांशु 'प्रिय'
सतना ( म. प्र. )
मो. 9981153574
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